गुरुवार, 2 फ़रवरी 2012

जिस महीने में पांच मंगलवार होते है उस महीने में रक्तपात के योग बनते हैं।


सात फरवरी 2012 को माघ मास का अंतिम स्नान
माघ मास सात फरवरी को विशेष स्नान के साथ खत्म हो रहा है। माघ मास में पांच मंगलवार पड़ने की वजह से शुभ सकेत नही है  जिसका असर आने वाले दिनों में सत्ता परिवर्तन, एवं कुछ राज नेताओ के जेल जाने साथ हि कुछ व्यापरियो के लिये भी शुभ  के रूप में दिखाई नही देगा। सात फरवरी 2012 को पुष्य नक्षत्र में अमृत योग बन रहा है, जिससे स्नान बेहद फलदायी होगा।
सात फरवरी के दिन माघ पूर्णिमा का अंतिम स्नान होगा। चूंकि इस दिन शनि वक्री हो रहा है और शाम करीब 4.04 मिनट तक भद्रा है, लिहाजा स्नान करने का विशेष फल भद्रा के बाद ही मिलेगा। फिर भी यदि कोई गंगा में डुबकी लगाना चाहता है तो सरसों के तेल की मालिश करके स्नान कर सकता है तब योगो का फल मिलेगा।
ज्योतिषिय शास्त्रो  के अनुसार सात फरवरी 2012 को पुष्य नक्षत्र भी है, जो बेहद अनूठा है, क्योंकि शुक्ल पक्ष के दिनो मे  पुष्य नक्षत्र का योग जल्द नहीं बनता है। पुष्य नक्षत्र के साथ ही विशेष संयोग यह बन रहा है कि इसी दिन अमृत योग भी है। यानि स्नान का कई गुना फल मिलेगा। ज्योतिषिय के अनुसार शनि के वक्री होने की वजह से तुला और कन्या राशि को तनाव का सामना करना पड़ सकता है।
माघ मास में पांच मंगलवार आए, जो बहुत अच्छा संकेत नहीं है। पांच मंगलवार आने के कारण देश में असंतोष का माहौल बनेगा, जिसका परिणाम पांच राज्यों के चुनाव परिणाम में सत्ता परिवर्तन के रूप में देखने को मिल सकता है।
माघ मास अपनी समाप्ति के साथ ही सत्ता परिवर्तन, किसी बड़े नेता का निधन, विस्फोट सहित अस्थिरता पैदा करने का संकेत देता है।मंगलवार रक्त का कारक होता है। जिस महीने में पांच मंगलवार होते है उस महीने में रक्तपात के योग बनते हैं।
सात फरवरी 2012 को माघ मास का अंतिम स्नान . पुष्य नक्षत्र में अमृत योग बन रहा, है जो आम जन के लिये फल दायक है स्नान करना फलदायी

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